शब्दों से खामोशी, आशिकों की ज़ुबान होती है | Hindi Shayari



शब्दों से खामोशी, आशिकों की ज़ुबान होती है
आशिकों की बातें, नजरों से ही बयान होती है     

हाँ खामोश हो गए हैं, आज सिर्फ अल्फाज़ मेरे
नहीं खामोश हुए, ना होंगे, दिल के अरमान मेरे

आँख मेरी यूँ ही नहीं, रहती हैं याद में तेरी नम
खामोशी का दर्द बन, बस जो गए हो इनमें तुम  

यूं तो हमारी मोहब्बत को, आप ताउम्र ठुकराते रहे  
हम आपकी यादों से दिल लगा, मोहब्बत निभाते रहे  

खुदा जाने, क्या कमी रह गई प्यार निभाने में हमसे  
जो यूँ जुदा रख खुदको, उम्र भर हमको तड़पाते रहे  

वक़्त ही बेवक्त बन कर, दे गया होगा दगा हमको 
जज़्बा-ए-इश्क़ से भरा दिल, जो ना रास आया तुमको 

मोहब्बत का यह अंदाज भी, अब भा गया है हमको 
इतना दूर रह कर भी इतना करीब, जो जीते हैं तुमको 

मीलों सालों दूर हो कर भी, हो तुम उतने ही करीब मेरे  
जानता है यूई अब जन्मो तक, रहोगे तुम ही हबीब मेरे 
शब्दों से खामोशी, आशिकों की ज़ुबान होती है | Hindi Shayari शब्दों से खामोशी, आशिकों की ज़ुबान होती है | Hindi Shayari Reviewed by Admin on January 29, 2019 Rating: 5

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