तुम देखो मेरी जानिब, तुम्हे सब पता चल जाएगा
मुझे आईना बना के देखो तो सच पता चल जाएगा
तुम उलझे उलझे क्यूँ हो, ये हिचकिचाहट क्यूँ है
एक बार मुझको छू लो, तुम्हे हक़ पता चल जाएगा
कभी आंखें , कभी ज़ुल्फ़ें, कभी अपना तिल देखो
मैं कहाँ कहाँ रह चुका हूँ अब तक पता चल जाएगा
जानना है क्या इबादत मेरी और मेरे खुदा के बारे में?
तुम्हारे इक सवाल से मेरा मज़हब पता चल जाएगा
तुम देखो मेरी जानिब, तुम्हे सब पता चल जाएगा | Hindi Shayari
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February 12, 2019
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